Thursday, January 27, 2022

सुकून की तलाश अभी जारी है

हर चीज आसपास है
भागदौड़ जोरशोर से जारी है
पता नहीं कैसे लेकिन
सुकून की तलाश अभी भी जारी है

लोग साथ उठते बैठते है
खाना पीना जशन रोज रोज है
दोस्त की गाली, कुल्लड वाली चाय
दो रुपये वाले सुकून की जगह
अभी भी खाली है

सब सुविधा है,सुनहरी रौशनी है, 
शिकायत करने का मौका नहीं
झिलमिल तारों के नीचे चांदनी की ठंडक हो 
ऐसी रात का इंतज़ार अभी जारी है

अमीर होकर खरीद ना पाया
सुकून बडी मेहेंगी चीज है
बनावटी पौधे लगाकर इंसान को 
मौसम और बहार की आस कायम है

मजाल है  जो किसीको सुकून से जीने दे
इंसान बहोत आगे निकल आया है
किसी और को सुकून ना मिल पाए 
इसीलिए चौकीदारी का काम जारी है

अपने घर से निकाल ही दिया है 
इंसान ने सुकून को बेघर कर दिया है
जिसके घर मे सुकून अपनी छत ढूंढ़ ले 
ऐसे धनवान की तलाश अभी जारी है

मुक्ता 

Sunday, January 23, 2022

साक्षी

Fresh feel करो, Happy feel करो
पहले feel good करो
बाकी सब संभल जायेगा
अपने आप ठीक हो जायेगा

अभी के लिए मुस्कुरा लो,
अकेले ही खुश हो जाओ
ख़ुद ही खिल जाओ,
खुशबू से छा जाओ
बाकी सब अपने आप
 गुलज़ार हो जायेगा

बाद मे जो होगा वैसे ही ठीक हो जायेगा
दिमाग का दही बनाकर चला जायेगा
बिलकुल वैसे ही जैसे अब तक लेकर आया है
रुलाकर, सिखाकर समय निकल जायेगा

बहती नदी की तरह बहता जायेगा
रोकने से नहीं रुकेगा
रेत की तरह फिसल जायेगा
अच्छा और बुरा दोनों चला जायेगा

कोई नहीं जो रह जायेगा
काला और सफ़ेद हर बादल चला जायेगा
आकाश हमेशा की तरह अनछुआ रेह जायेगा
तुम्हारी तरह साक्षी बनकर रह जायेगा..

मुक्ता 

Monday, January 17, 2022

...तब जीतना जरूरी हो जाता है


सबकी ख़ुशी मे अपनी ख़ुशी मानकर भी
जब तुम्हे नीचा देखा और दिखाया जाता है
     ...तब तुम्हारा किरदार जरूरी हो जाता है

साफ दिल और सच्चाई को तुम्हारी
जब कमजोरी मान लिया जाता है
    ...तब तुम्हारा सामर्थ्य दिखाना जरूरी हो जाता है

पीठ मे छुरा चलाकर सामने से फूल देनेवाले
जब छुप छूप कर तुमपर लांछन लगाते है
    ...तब तुम्हारा जीतना जरूरी हो जाता है

किसीका अहंकार जब सारी हद पार कर जाए
काला मन किसीका देख जब कोयला भी शरमा जाए
    ...तब हीरे को चमकना जरूरी हो जाता है

नफ़रत इतनी होती है कभी कभी
के मन मे नतीजे का डर नहीं रहता
तब तुम्हारा भी निडर होकर
लड़ना जरूरी हो जाता है

तुम्हे रिश्ता जरूरी लगे
अपना कर्तव्य और प्रेम बड़ा लगे
लगातार माफ़ करते करते फिर 
तुम्हारी अच्छाई को कोई
गुलामी का मायना दे 
    ...तब तुम्हारा जीतना जरूरी हो जाता है

समय आनेपर समझ आता है
के तुम्हारा कर्म क्यों जरूरी है
विनम्र मन को भी स्वाभिमान
जगाना जरूरी होता है

तुम लाख विरक्त महसूस करो
दुनियादारी से
चाहे जीतना विषाद करलो
महाभारत मे अर्जुन का
शस्त्र उठाना जरूरी हो जाता है

....विजय जरूरी हो जाता है
....बेहद जरूरी हो जाता है...।

मुक्ता 

Sunday, January 2, 2022

Your Dream Will Come True




Your dream will come true..
& it will be real & bright & warm
You will hold the dream
Right in your palm

It will be exactly everything 
You thought it would be..
It will be content & calm
The moment will carry all the charm

Darkest hour of a night
Is just before the dawn
With the light of your prayers
You kept going on & on

The tough times used a filter for you
You now know your true ones
Kind hands Who wiped your tears
The priceless little lamps
Who walked through the thorns
No matter how dark it was
They never gave up on you

The inner voice, The witness inside you
Has seen all that you have been through
The sun inside you will start shining soon
& very Soon, your dream will come true

You will look into the mirror
You will be seeing a new you
Your loved ones will surround you
Your family will be proud of you

Selfies, celebrations & sweets
But you will remain grounded
Trained by a tough teacher called 'Time'
You will remain determined 
Focused & even minded

Nothing will go wrong
As You have been so pure & strong
The jounery has been long
Your life will soon sing a new song

Soon it will be all true
The rewarding times will come soon
Get ready to Fly My Butterfly 
You are about to come out of the cocoon...

It will be real & bright & warm
You will hold your dream right in your palm...

- MUKTA 

Monday, November 8, 2021

ज़िन्दगी ही तो है

 
रेत का खूबसूरत किला है
एक लहर आये तो बिखर जाये
फिरसे किला बनाने की हिम्मत है
ज़िन्दगी मासूम कोशिश है

भरोसा टूँटने की देर है
सपने बिखरने की देर है
फिर से नयी शुरुवात की आदत है
ज़िन्दगी नयी उम्मीद है

घना जंगल भी तो है 
सारी दिशा मे पशु और अंधेरा है
मन का रचाया चक्रव्यूह है 
ज़िन्दगी एक वनवास है

शत्रुत्त्व की तपन है
प्रेम का जहर है
अपनों ने ही लगाई हुई आग है 
ज़िन्दगी अग्निदिव्य है

समय ने दिखाई हुई
भयानक सच्चाई है
आये दिन नयी लड़ाई है
खुदसे भी लड़ने की तैयारी है 
ज़िन्दगी संग्राम है

मुक्ति का प्रयास है
कर्मो का दामन है 
हर एक कदम एक एक सांस
मृत्यु के करीब लाया है 
ज़िन्दगी एक सफर है

कौनसी मंजिल है, कारण क्या है 
कौनसा उद्देश्य है, और क्या रास्ता 
सबसे अनजान होकर भी 
जीत कर लौट आने का जूनून है
ज़िन्दगी योद्धा की हिम्मत है

ज़िन्दगी ही तो है..

कठपुतली का खेल है
सारथी ने संभाली हुई डोर है
हार भी है जीत भी
न जाने किससे लगायी बाजी है
ज़िन्दगी अजीब परेशानी भी है 

दोस्ती जैसी प्यारी है
माँ की गोद मे आनेवाली नींद है
बच्चे की खिली हुई हसीं है
कुछ खास कुछ आम है
ज़िन्दगी ही तो है..

ज़िन्दगी अपनी लगती है
पर धोखा है,परस्वाधीन है
मृत्यु परायी लगती है
पर वो निश्चित साथ निभाती है

नवरस से भरा रोमांच है
भावनाओं का खेल है 
संगीत का अनसुना राग है
कवि का सुंदर सपना है
अंतिम सांस तक चलने वाली
आत्मशोध की कहानी है

ज़िन्दगी ही तो है 

मुक्ता 


Closer Than The Breath

 
When you say you are closer
To me than my own breath
So far, it was just a poetic expression
Until today when I  realise its depth

Before I breath in my tears
Before I laugh out with tears
it's you who check me out
Ensuring my survival
with either kind of the tears

Closer than the breath truly
Gloomy day, happy or moody
Unknowingly I did judge you poorly
We are closer absolutely
closer than the breath

After I breathe my last
I will have you as my companion
Surely this is also not
 just a poetic expression 

Such an Assurance this is
that you are closer to me
than my own breath
I am not lonely 
whether alive or dead

The inner voice of mine
My guiding light
you are closer to me
than my own breath

Most ignored & taken for granted
Loved & trustworthy Friend
In true sense a soulmate
you are closer to me
than my own breath

Mukta 

Saturday, November 6, 2021

My Friend

You hold my hand
Take me along
I dont really care
If the journey is long

The Rhythm of my life
You are my life's song
Let there be as many storms
With you beside me
I will stay strong

You are a friend of mine
A rare true companion
Even after losing sometime
I feel like a champion

You will be there for me
Even if I go wrong
You are my true shelter
You are where I belong

Friend, I let you down sometime
You continue to stand strong
Someday I want to make you proud
Just so that I hear you applaud

I see the value now
My priceless possession
Better late than never
But I do realise your significance

My Friend , you just stay around
I will feel safe and sound
No matter how wrong it gets
With you alongside,
my life will surely rebound

My Friend, I lack words
To say what I feel for you
Words are so small
For a princess just crowned

I should not play with words
Its meaningless chatter 
Your friendship makes me feel astound
And thats what really matters

You just hold my hand
And take me along
I just dont care
if the journey is long...

MUKTA 















Friday, November 5, 2021

Complete


This Moment is complete
with me and you together
This Moment is pleasant
With you and me together

This Moment is complete
With our hands together
This Moment is complete
With our love and laughter
 
This Moment is peace
With our silent conversation
This Moment is complete
With our forever integration
 
You give so much to me
And I get angry at you
Then I complain & Feel guilt
You again catch me
And make the cycle complete
 
You deserve that constant
Flow of love from my little heart
I want the warmth and protection
In your loving strong arms

There is no bigger happiness
There is no bigger treasure 
This Eternal love gives me wings
And I fly like a feather

At last There is contentment
At last there is light
Conflicts surrounding all over
Yet, with Calm, I continue to fight

Roots have deepened
Flowers have blossomed
My journey has begun
A grounded worrier continues to battle

Gratitude creates distance
But we continue to BE ONE
There is no 'Give & Take' in true love
But I do Thank you for this love

I took a deep dive in your eyes
And life has become phenomenal
Thank you for this eternal love
Thank you for taking me to my core......

Mukta 








Monday, October 11, 2021

The HomeMakers

"तुमच्या मते कुठल्या प्रोफेशनला सर्वात जास्त पगार असायला हवा ?"

"आई !" मानुषी छिल्लर म्हणजे एका विश्व सुंदरी च्या उत्तराला सर्व जगाने उचलून धरले .. त्याचे कौतुक झाले ..

मला सुद्धा पटते की आई ला थकवा येत नाही. आई जवळ नेहमी वेळ आणि संयम असतो .

मुले मोठी झाल्या नंतर याच आईची ओळख गृहिणी म्हणून केल्या जाते

माझ्या मते गृहिणी होणे सन्माननीय आहे. याने साध्य होणारे समाजकार्य खूप मोठे आहे. दिसते त्यापेक्षा खूप महान आहे . अस लिहिण्या मागे वेगळे विचार आहेत

एका मेडिटेशन मध्ये एक वाक्य ऐकले होते. "शांत रिलॅक्स व्हा. जणू आई घरी आहे ...." (Feel as if Mom is At home  … rest Assured..)

किती सुंदर आणि relaxing वाक्य आहे हे ..

माझ्या मते आजच्या जगात घरात गृहिणी असणे म्हणजे घरातला अनेक प्रकारचा ताण कमी करणे . घरात एक शांतता आणि तणावमुक्त वातावरण राहते .

कोरोना काळात माझा जॉब गेला . मी माझ्या वर्षाच्या मुलीला वेळ देता यावा म्हणून , कोरोना पासून सुरक्षा म्हणून आणि १० वर्ष नोकरी झाल्या नंतर थोडा ब्रेक म्हणून काही महिने घरीच राहायचा निर्णय घेतला. 

त्या दरम्यान मी एका लग्नाला गेले . परंतु मला भेटणारी प्रत्येक दुसरी व्यक्ती माझा जॉब गेला म्हणून हळहळत होती . थोडा बोभाटा झाला .. मला अपमान नाही वाटला पण आश्चर्य वाटले कारण त्यातल्या बहुतेक सर्वच गृहिणी होत्या .. याचा अर्थ त्या स्वतःला सुद्धा कमी समजत असाव्या.

गृहिणी म्हणजे गरीब बिचाऱ्या नसतात . त्यात कमीपणा सोडाच , भरपूर फायदा असतो .घराला एक strong foundation दिल्या जाते, नंतर तिथे तणावमुक्त बालपण अनुभवता येते.

घरी कुणी आपले घर २४ तास बघतेय म्हंटले कि ऑफिस मध्ये छान काम करता येते. माझ्या जिजाजी ना ते महिने जहाजा वर असावे लागते .  पण आईवडील आणि दोन्ही मुले बायको जवळ असल्याने त्यांना काम करताना आत्मविश्वास आणि पूर्ण मन लावून काम करता येते. माझी बहीण सुद्धा खूप अभिमानाने गृहिणी असल्याचे सांगते.

माझे चुलत सासरे लवकरच जॉब सोडून होममेकर झाले . त्या काळी !! माझ्या चुलत सासूबाईंना नोकरी करता यावी म्हणून. कारण त्याचा भविष्यात फायदा होणार होता. आज त्या प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजनेच्या नोडल ऑफिसर म्हणून निवृत्त झाल्या. 

समाज होम मेकर ला कमी समजत नाही. 'Ki n ka' या चित्रपटात तो हाउस husband आणि ती job करते. त्यातील एक वाक्य आठवते -" इज़्ज़त कोई भी काम अच्छेसे करनेसे मिलती है!" 

मी नंतर जॉब शोधायला सुरुवात केली . जॉब मिळाला.  Home loan  वगैरे साठी दोघांनी जॉब करायची गरज आहे पण कुठल्याही कंपनीने मला जॉब मध्ये गॅप दिसतेय वगैरे असा काहीही विचारले नाही . ISSUE केला नाही. अगदी अपवादाला सुद्धा नाहीतेवढी DIGNITYअसलेलीच कंपनी join करावी.

पुरुष तणाव मुक्त वागु शकत नाहीत.  "Mom is at home.. " ती feeling फ़क्त स्त्रीच निर्माण करू शकते.

मुद्दा असा कि गृहिणी असल्याने घरातील - लोकांचे आयुष्य सुरळीत होते . असे अनेक घरातील लोक मोजले तर समाजातले गृहिणींचे योगदान खूप मोठे आहे . कारण तणाव हा आता च्या दैनंदिन जीवनातला महाराक्षस झालाय. गृहिणी च्या असण्याने घरातील तणाव कमी होतो . घरातील लहान मुले खूष असतात . त्यांचा सर्वांगीण विकास होणे सोपे होते . अनेक कला गुणांना वाव देणे शक्य होते. समजातील वाईट स्पर्श आणि प्रवृत्ति पासून मुलांना वाचवणे homemaker la जास्त सहज़ साध्य होते. आजकाल मोबाइल, दारू , सिगारेट , drugs वगैरे व्यसनाचा धोका असल्यामुळे आईला जास्त लक्ष देणे शक्य होते . मुलांना बाहेर वागताना सुद्धा धाक राहतो . घरात शिस्त राहते . घरात रोज पूजा होते . त्यामुळे तसे संस्कार होऊन जातात. सणवार उरकल्या सारखे होता हौसेने केल्या जातात . संस्कृती आपोआप जपल्या जाते . मुले देवघराकडे बघत जरी नसतील तरी त्याचा कुठे ना कुठे परिणाम होतो.अन्न म्हणून नुसते शिजवले जात नाही.. तर चौरस भोजन बनवण्याची संधी गृहिणीना असते. त्या त्यातून घराचे आरोग्य उत्तम राखु शकतात. उदरभरण नोहे.. यज्ञ कर्म होते..या सर्व गोष्टी वरवरच्या नगण्य वाटत असतील परन्तु अशा नगण्य गोष्टी च आयुष्यावर खूप सखोल परिणाम करतात. बाहेरच्या व्यक्तिनी शिजवलेले अन्न खाऊन स्वतः स्वामी विवेकानंद याना चांदीची वाटी चोरायची इच्छा झाली... मग गृहिणी च्या स्वयपाक़ात नुसते प्रेमच नाही तर वैचारिक शुद्धि असल्याचे महत्त्व दिसून येते. 

नोकरी करून सुद्धा सर्व जणी उत्साहाने सगळे करतातच . स्त्री शक्तीला काही अशक्य ते नाहीच .  परंतु गृहिणी म्हणून कुणी  कमी पणा बाळगू नये . उलट अभिमान असावा. 

काहींजणी गृहिणी म्हणून इतक्या हिणवल्या जातात कि त्यांच्या मुलींना खूप मोठी नोकरी स्वीकारुन त्यांनी घरात कमी लक्ष घालावे असे आपोआप शिकवल्या जाते.

गृहिणी होणे ऐच्छिक असणे जवळ जवळ अशक्य होतेय. काही घरी सधनता असली तरी हौस म्हणून मूली नोकरी करतात. त्याला जशी कोणी हरकत घेत नाहीत तसेच कुणी स्वतःच्या इच्छेने गृहिणी होणार असेल तर त्याला सुद्धा सहज़ स्वीकृति असायला पाहिजे. गृहिणी म्हणून अभिमानानेच नाही तर डिग्निटीने जगावे. कारण तुमची किंमत खूप जास्त आहे . कारण तणाव नावाचे वादळ तुम्ही दूर करता.

नौकरी/व्यवसाय  असो व नसो अभिमानाने आणि आनंदाने जगावे . गृहिणीचा सन्मान समाज किंवा परिवार कधी करतील याची वाट बघू नये .  

श्री श्री रविशंकर म्हणतात त्याप्रमाणे कुणी आपल्याला पुष्पगुच्छ  आणून देईल याची वाट बघत बसू नये . स्वतः रोपटे लावून बाग फुलवावी आणि आपले जीवन आपणच आनंदी करावे.

मुक्ता गद्रे

 

 

 

 

Tuesday, October 5, 2021

Beyond The Realm of Time













Its been Thousands of years 
And finally a moment
When I have stopped aging
When I have stopped decaying

Your One glance & it felt
As if the clock has stopped ticking
It took me beyond the realm of time
Something 'me' is now calm & steady

Thousands of years
The Time laughed at me
Making me feel small
& I felt Why do I exist at all

A realm where now 'Time' feels shy
As it witnesses my ultimate destiny
The power called 'Time' is on its knees
And Love wins over effortlessly

Thousands of years
& finally the search is over
Feels like miles have been crossed
To finally see this sea shore

Gray hair and wrinkles
Days, months, years &
All kinds of calendars
Something beyond all this
Has Made this era of my being
.. Special and phenomenal

Your one glance, your eyes
When you touched my life
I went beyond time
I feel nothing..A Good empty nothing

Thousands of lifetimes
Each filled with futile worries
Mind enjoying misery
Death was scary & Growth was tiring

And then that glance of divinity
Resonating the very core of my being
Made me welcome even Death with Grace
Made me experience eternal beauty

My core is now blossoming 
beyond the realm of Time...
Its content and steady
Its peaceful and smiling
It has stopped decaying 
It has stopped aging...

Mukta

Sunday, July 11, 2021

विसावा


तू दिलासा माझा
माझ्या मनाचा विसावा
जरा हालचाल माझ्या मनात
अन लगेच तुला सुगावा

जरा डोकावले डोळ्यात
अन सारे कळलेले तुला
मनाची दशा माझ्या
तुझ्या पासून लपेना

मी तप्त धरती
तू पावसाचा शिडकावा
सौम्य गीत तुझे अन
सुट्टी तक्रारीच्या सूरान्ना 

तू दिलासा माझा
माझ्या मनाचा विसावा

विसम्बुन तुझ्यावर
मी विसावते क्षणभर
स्पर्शाने तुझ्या
सुखावते मनोमन

मी शांत सांजवेळ
तू राग मारवा
ऋतुचा जिथे कठीण ऊष्मा
तिथे तू पहाटेचा गारवा 

तू दिलासा माझा
माझ्या मनाचा विसावा

माझे असणे तुझ्या शिवाय
स्वरांशी गायकाचा जणू दुरावा
मी गीत असावे तू गायलेले
त्यातून हलकेच येणारा गोडवा

माझे मन म्हणजे
केवळ तुझा मागोवा 
नाजुक स्वप्नाळू हळवा
तू माझ्या स्वप्नाचा परतावा

तू दिलासा माझा
माझ्या मनाचा विसावा
जरा हालचाल माझ्या मनात
अन लगेच तुला सुगावा


-मुक्ता



Monday, May 17, 2021

रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं

रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं
बाकी सब बाजार सा है
प्रेम करें तो तू करें
बाकी सब व्यवहार सा है

हात पकडे तो तू पकडे
नही तो बस आग का दरिया सा है
याद करें तो तू करें
बाकी सब सपना सा है

सच्चाई की बात करें तो तू करें
हम सब मे जरा सा झूठ सा है

साथी है तू,सारथी भी
तू ही हमसफर और दोस्त भी
अलग ढंग है तेरी रौशनी के
घने अँधेरे मे एक विश्वास तू ही है

हम भागते रेहते है तुझसे
ख़ुद को बचाके चलते है
ख़ुशी और ग़ुरूर मे भुलाकर तुझे
फिर से हम सब खो बैठते है

रिश्ता फिरसे तू निभाता है
हात पकड़कर तू आगे ले आता है
नादानी माफ़ करके हमारी
तू एहसान जताना भी भूल जाता है

रिश्ता निभाएं तो तू निभाये
जो भी देरी,गलती हो, हमारी है
संशय विषय का अंधेरा मेरे मन मे
तू सूरज की तरह साचा और बेदाग़ है

रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं...

समुन्दर मे लेहरो की तरह
हमारा अस्तित्त्व है
हम उठते गिरते रेहते है
तू समुन्दर सा शांत गेहरा और कायम है

इतना सच्चा कैसे हो कोई
कुछ तो कमी हो कही
रौशनी तेरी शब्दों की मोहताज नही
और लीला समझ से बाहर है हमारी

रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं
हमारी कोई औकात नही
समय समय पर तेरी याद रहे
इससे बड़ी ख़ुशनसीबी नही

रिश्ता निभाएं तो वो तू निभाएं..

हमें कोई अधिकार नही
ये श्रद्धा भी तेरीही देन है
सब का अंतिम अर्थ है तू 
तेरे से सम्पूर्ण है क़ायनात सारी

----मुक्ता 

Monday, February 22, 2021

दंभ

 










तू खरा शुद्ध शिव

मी दंभ कुरवाळणारा
पोचता पोचता
राहून जातो...तुझ्या पर्यंत

तू शिंप्यातला 
मोती खरा खरा
मला हरवतो 
क्षुद्र अहंकार माझा

तूच सांगतो भगवत गीतेत 
तुझ्या शिवाय मुक्ति संभव नाही
इंचभर भासते राहिलेले अंतर
पण प्रवास पूर्णत्वास जात नाही

हाती येता येता
निसटून तू जातो 
वितभर अंतर
क्षणात त्याचा डोंगर होतो

तू इतका खरा की
मी मूर्तिमंत दंभ भासावे 
तुझ्या निस्सीम खरेपणात
माझे क्षणात वीरघळून जाणे 

नको मला मुक्ति वा मोक्ष
फ़क्त हा दंभ तेवढा घे
तुझ्यासमोर उभा राहु शकेन
एवढा शुद्ध भाव अन विनय दे

बाकी नको काही खरच
माझ्याच कोषातून मला मुक्ति दे
स्वत: स्वत:ला नजर देऊ शकेन
असे प्रामाणिक प्रयत्नाचे वरदान दे

सच्चेपणाचा गंगास्पर्श दे
माझ्यातला दंभ भस्म होऊन
क्षणिक का होईना
'शिवोहम'ची अनुभूति दे 


-मुक्ता गद्रे