Thursday, January 27, 2022

सुकून की तलाश अभी जारी है

हर चीज आसपास है
भागदौड़ जोरशोर से जारी है
पता नहीं कैसे लेकिन
सुकून की तलाश अभी भी जारी है

लोग साथ उठते बैठते है
खाना पीना जशन रोज रोज है
दोस्त की गाली, कुल्लड वाली चाय
दो रुपये वाले सुकून की जगह
अभी भी खाली है

सब सुविधा है,सुनहरी रौशनी है, 
शिकायत करने का मौका नहीं
झिलमिल तारों के नीचे चांदनी की ठंडक हो 
ऐसी रात का इंतज़ार अभी जारी है

अमीर होकर खरीद ना पाया
सुकून बडी मेहेंगी चीज है
बनावटी पौधे लगाकर इंसान को 
मौसम और बहार की आस कायम है

मजाल है  जो किसीको सुकून से जीने दे
इंसान बहोत आगे निकल आया है
किसी और को सुकून ना मिल पाए 
इसीलिए चौकीदारी का काम जारी है

अपने घर से निकाल ही दिया है 
इंसान ने सुकून को बेघर कर दिया है
जिसके घर मे सुकून अपनी छत ढूंढ़ ले 
ऐसे धनवान की तलाश अभी जारी है

मुक्ता 

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