Monday, January 17, 2022

...तब जीतना जरूरी हो जाता है


सबकी ख़ुशी मे अपनी ख़ुशी मानकर भी
जब तुम्हे नीचा देखा और दिखाया जाता है
     ...तब तुम्हारा किरदार जरूरी हो जाता है

साफ दिल और सच्चाई को तुम्हारी
जब कमजोरी मान लिया जाता है
    ...तब तुम्हारा सामर्थ्य दिखाना जरूरी हो जाता है

पीठ मे छुरा चलाकर सामने से फूल देनेवाले
जब छुप छूप कर तुमपर लांछन लगाते है
    ...तब तुम्हारा जीतना जरूरी हो जाता है

किसीका अहंकार जब सारी हद पार कर जाए
काला मन किसीका देख जब कोयला भी शरमा जाए
    ...तब हीरे को चमकना जरूरी हो जाता है

नफ़रत इतनी होती है कभी कभी
के मन मे नतीजे का डर नहीं रहता
तब तुम्हारा भी निडर होकर
लड़ना जरूरी हो जाता है

तुम्हे रिश्ता जरूरी लगे
अपना कर्तव्य और प्रेम बड़ा लगे
लगातार माफ़ करते करते फिर 
तुम्हारी अच्छाई को कोई
गुलामी का मायना दे 
    ...तब तुम्हारा जीतना जरूरी हो जाता है

समय आनेपर समझ आता है
के तुम्हारा कर्म क्यों जरूरी है
विनम्र मन को भी स्वाभिमान
जगाना जरूरी होता है

तुम लाख विरक्त महसूस करो
दुनियादारी से
चाहे जीतना विषाद करलो
महाभारत मे अर्जुन का
शस्त्र उठाना जरूरी हो जाता है

....विजय जरूरी हो जाता है
....बेहद जरूरी हो जाता है...।

मुक्ता 

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