Monday, November 8, 2021

ज़िन्दगी ही तो है

 
रेत का खूबसूरत किला है
एक लहर आये तो बिखर जाये
फिरसे किला बनाने की हिम्मत है
ज़िन्दगी मासूम कोशिश है

भरोसा टूँटने की देर है
सपने बिखरने की देर है
फिर से नयी शुरुवात की आदत है
ज़िन्दगी नयी उम्मीद है

घना जंगल भी तो है 
सारी दिशा मे पशु और अंधेरा है
मन का रचाया चक्रव्यूह है 
ज़िन्दगी एक वनवास है

शत्रुत्त्व की तपन है
प्रेम का जहर है
अपनों ने ही लगाई हुई आग है 
ज़िन्दगी अग्निदिव्य है

समय ने दिखाई हुई
भयानक सच्चाई है
आये दिन नयी लड़ाई है
खुदसे भी लड़ने की तैयारी है 
ज़िन्दगी संग्राम है

मुक्ति का प्रयास है
कर्मो का दामन है 
हर एक कदम एक एक सांस
मृत्यु के करीब लाया है 
ज़िन्दगी एक सफर है

कौनसी मंजिल है, कारण क्या है 
कौनसा उद्देश्य है, और क्या रास्ता 
सबसे अनजान होकर भी 
जीत कर लौट आने का जूनून है
ज़िन्दगी योद्धा की हिम्मत है

ज़िन्दगी ही तो है..

कठपुतली का खेल है
सारथी ने संभाली हुई डोर है
हार भी है जीत भी
न जाने किससे लगायी बाजी है
ज़िन्दगी अजीब परेशानी भी है 

दोस्ती जैसी प्यारी है
माँ की गोद मे आनेवाली नींद है
बच्चे की खिली हुई हसीं है
कुछ खास कुछ आम है
ज़िन्दगी ही तो है..

ज़िन्दगी अपनी लगती है
पर धोखा है,परस्वाधीन है
मृत्यु परायी लगती है
पर वो निश्चित साथ निभाती है

नवरस से भरा रोमांच है
भावनाओं का खेल है 
संगीत का अनसुना राग है
कवि का सुंदर सपना है
अंतिम सांस तक चलने वाली
आत्मशोध की कहानी है

ज़िन्दगी ही तो है 

मुक्ता 


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