हर चीज आसपास है
भागदौड़ जोरशोर से जारी है
पता नहीं कैसे लेकिन
भागदौड़ जोरशोर से जारी है
पता नहीं कैसे लेकिन
सुकून की तलाश अभी भी जारी है
लोग साथ उठते बैठते है
खाना पीना जशन रोज रोज है
दोस्त की गाली, कुल्लड वाली चाय
दो रुपये वाले सुकून की जगह
अभी भी खाली है
सब सुविधा है,सुनहरी रौशनी है,
शिकायत करने का मौका नहीं
शिकायत करने का मौका नहीं
झिलमिल तारों के नीचे चांदनी की ठंडक हो
ऐसी रात का इंतज़ार अभी जारी है
अमीर होकर खरीद ना पाया
सुकून बडी मेहेंगी चीज है
बनावटी पौधे लगाकर इंसान को
मौसम और बहार की आस कायम है
मजाल है जो किसीको सुकून से जीने दे
इंसान बहोत आगे निकल आया है
किसी और को सुकून ना मिल पाए
इसीलिए चौकीदारी का काम जारी है
अपने घर से निकाल ही दिया है
इंसान ने सुकून को बेघर कर दिया है
जिसके घर मे सुकून अपनी छत ढूंढ़ ले
ऐसे धनवान की तलाश अभी जारी है
मुक्ता