रेत का खूबसूरत किला है
एक लहर आये तो बिखर जाये
फिरसे किला बनाने की हिम्मत है
ज़िन्दगी मासूम कोशिश है
भरोसा टूँटने की देर है
सपने बिखरने की देर है
फिर से नयी शुरुवात की आदत है
ज़िन्दगी नयी उम्मीद है
घना जंगल भी तो है
सारी दिशा मे पशु और अंधेरा है
मन का रचाया चक्रव्यूह है
ज़िन्दगी एक वनवास है
शत्रुत्त्व की तपन है
प्रेम का जहर है
अपनों ने ही लगाई हुई आग है
ज़िन्दगी अग्निदिव्य है
समय ने दिखाई हुई
भयानक सच्चाई है
आये दिन नयी लड़ाई है
खुदसे भी लड़ने की तैयारी है
ज़िन्दगी संग्राम है
मुक्ति का प्रयास है
कर्मो का दामन है
हर एक कदम एक एक सांस
मृत्यु के करीब लाया है
ज़िन्दगी एक सफर है
कौनसी मंजिल है, कारण क्या है
कौनसा उद्देश्य है, और क्या रास्ता
सबसे अनजान होकर भी
जीत कर लौट आने का जूनून है
ज़िन्दगी योद्धा की हिम्मत है
ज़िन्दगी ही तो है..
कठपुतली का खेल है
सारथी ने संभाली हुई डोर है
हार भी है जीत भी
न जाने किससे लगायी बाजी है
ज़िन्दगी अजीब परेशानी भी है
दोस्ती जैसी प्यारी है
माँ की गोद मे आनेवाली नींद है
बच्चे की खिली हुई हसीं है
कुछ खास कुछ आम है
ज़िन्दगी ही तो है..
ज़िन्दगी अपनी लगती है
पर धोखा है,परस्वाधीन है
मृत्यु परायी लगती है
पर वो निश्चित साथ निभाती है
नवरस से भरा रोमांच है
भावनाओं का खेल है
संगीत का अनसुना राग है
कवि का सुंदर सपना है
अंतिम सांस तक चलने वाली
आत्मशोध की कहानी है
ज़िन्दगी ही तो है
मुक्ता