(Forgive my Hindi.. Because The movie is in Hindi.. I wrote in hindi only)
मेरी परिस्थिति और भी गंभीर थी क्यूँकि मैंने अभी अभी
रामानंद सागर की रामायण फिरसे देखि थी और ऊपर से youtube पर हिंदी के प्रसिद्ध कवी कुमार विश्वास का -"अपने अपने राम" भी सुना था.. मतलब 1000 वे माले
से कोई सीधा निचे फेंक दे ऐसी feeling हुई आदिपुरुष देखने से ..
एक basic respect होना चाहिए किसीकी कोशिश और मेहनत के लिए. लेकिन इसको मै वो basic respect भी नही दे पाऊँगी..
अपनी पूरी आत्मा डाल दी है रामानंद सागर ने एक एक frame मे... एक एक pixel मे...
सीता को उसकी सहेली बताना चाहती है के 2 राजकुमार आये है. बड़े सुंदर है.. बिना किसी भी music के एक सुंदर गीत है..
"ए सखी उनकी मुख़ कवल की
शोभा कहीं ना जाए...
बाग़ मे सुंदर
राजकुंवर दो आये..."
.
.
......
प्रेमी क्षिरसागर के
आज मिले वाटिका मे...
इतना
हीं नहीं जब रावण की entry होती है तब सारी dancers दक्षिण
की वेशभूषा की हुई है .. भरतनाट्यम जैसी वेशभूषा.. और जब अयोध्या का
celebration दिखाना हो तब actors ऊत्तर भारत की तरह dress किये है.. मतलब पूरा पूरा detail अभ्यास ..
हिमालय मे कई दूर बसें हुये ऋषियों को तक पता था की रामानंद
सागर के हाथों सुंदर कलकृति के रूप मे रामायण सादर होगा.. तब उनको ख़ुद को
भी पता नहीं था के वो रामायण बनाएंगे.
अगर उस level का नहीं बना सकते तो फिर 'सिया के राम' सीरियल भी ठीक थी. संवाद उसमे भी कुछ खास नहीं थे लेकिन कुछ चीज़े अच्छी थी जैसे "सिर मुकुट चन्दन.." वो गाना आजतक कई लोगो की रिंगटोन है.
वैसे हीं "हम कथा सुनाते.. राम सकल गुण धाम की..."
ये भी कई लोगो की ringtone है.
उस गानें के शब्द सुनना.. एक बार काफी नहीं है.. इतना सुंदर लिखा है....
शुरुवात मे "ॐ श्री महागणतये नम :"
सुनते हीं रोमांच छा जाता है...
राम सीता दोनों एकसाथ कितने सुंदर दिखाई देते थे...
"रघुवर जैसा और न कोई
सीता की समता नहीं कोई
दोउ करें पराजित काँती
कोटि रति काम की...
ये रामायण है
पुण्य कथा श्रीराम की..."
और सारे पत्रकार लोगो को vfx की पड़ी है.. अरे वो 'आदिकवी' की
रचना है.. Vfx सिर्फ एक technology है..रामायण की सफलता किसी technology पर
dependent नहीं है.
आदिपुरुष मे लंका पूरी काली दिखाई है ...किसी भी character को ठीक से present नहीं किया है. संवाद बहोत हीं ख़राब है. हनुमान और लक्ष्मण के संवाद बहोत अजीब लिखें है. हमारे पीछे 7-8 साल का बच्चा था.. वो भी हस रहा था.. उसको भी समझ आ गया की ये कुछ भी दिखा रहे है...
हनुमान को कोई हात भी नहीं लगा सकता था. लेकिन ब्रम्हास्त्र
का मान रखने के लिए वो पकडे जाने का ढोंग करते है. यहाँ एक मामूली जाली मे
हनुमान को बांधकर ले जाते है.
और
इंद्रजीत एक अतिरथी था. उसके बाद किसीको भी अतीरथी का नाम नहीं दिया गया.
महाभारत मे भी कोई अतीरथी नहीं था. उसको भी ठीक से नहीं दिखाया है.
उसने नारायणास्त्र, ब्रम्हास्त्र, पशुपातास्त्र सब से प्रहार किया था. लेकिन लक्ष्मण को बिना कुछ किये वो वापस आ गए. तब इंद्रजीत सुलोचना से विदा लेकर युद्ध मे आता है और हार जाता है. राम सन्मान से उसका शव लौटा देते है.
रावण वैमानिक शास्त्र का ज्ञानी था. उसका पुष्पक विमान दिखाने की जगह चमगादड़ दिखा दिया... पुष्पक की रचना कुबेर ने की थी.. कोई कसर नहीं होनी है उसमे.. आज का राफेल समझ लो...या उससे कई ज्यादा..
मुझे भी agree करना पड़ेगा की ये सिर्फ game of thrones वगेरा जैसे कुछ देखके बना दिया है.
रामायण का grandeur, उसकी glory, उसकी depth सब कुछ उछाल दिया है आदिपुरुष team ने.
मतलब
सिर्फ प्रभास की लोकप्रियता और कृति सनन के good लुक्स पर चल जाएगी और
बाकी पैसे vfx मे डाल दो.. भारत की 140 करोड़ जनता वैसे भी 300 ka ticket
लेकर 200 - 300 करोड़ बना हीं देगी.. बाकी पैसा ott से...
ऐसे literally कुछ तो बनाकर छोड़ दिया है .. राम के रोल मे प्रभास बहोत हीं basic लग रहा है. Dressing sense भी बिलकुल ख़राब है.
हमारे रावण को देखकर रावण और लंका की glory भी भुला दो. ऐसा हीं कुछ है...सीता ठीक... विभीषण भी ठीक नहीं present किया है.. रावण की मृत्यु कुछ तो दिखा दी है. कुछ समझ नहीं आता..
2 part मे बनाते तो दूसरा part देखने कौन आता इसीलिए एक हीं part मे बना दिया है.
आदिपुरुष को जितना criticize किया जा रहा है, बिलकुल सही किया जा रहा है
वैद्य सुषेण नहीं दिखाया है. उसकी जगह विभीषण की पत्नी unnecesary expression दिखा रही है.. रामानंद सागर की रामायण मे
दिखाया गया है के संजीवनी भी 4 प्रकार की थी. उसमे 4 number पर मृत
संजीवनी थी. उसी वजह से पूरा द्रोणागिरी उठाकर लाया था. और वापस रखने का भी
महत्त्व सुषेण से बताया गया है.
नही तो vaccine बनाकर कमाई करते रहो..
ऐसे आज की दुनिया जैसे नहीं...
सचमुच कोई स्पर्धा नहीं हो सकती उस रामायण की..
और जल्दी ख़तम भी नहीं होती movie...
आदिपुरुष- extremely disappointing...