रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं
बाकी सब बाजार सा है
प्रेम करें तो तू करें
बाकी सब व्यवहार सा है
बाकी सब बाजार सा है
प्रेम करें तो तू करें
बाकी सब व्यवहार सा है
हात पकडे तो तू पकडे
नही तो बस आग का दरिया सा है
याद करें तो तू करें
बाकी सब सपना सा है
सच्चाई की बात करें तो तू करें
हम सब मे जरा सा झूठ सा है
साथी है तू,सारथी भी
तू ही हमसफर और दोस्त भी
अलग ढंग है तेरी रौशनी के
घने अँधेरे मे एक विश्वास तू ही है
घने अँधेरे मे एक विश्वास तू ही है
हम भागते रेहते है तुझसे
ख़ुद को बचाके चलते है
ख़ुशी और ग़ुरूर मे भुलाकर तुझे
फिर से हम सब खो बैठते है
रिश्ता फिरसे तू निभाता है
हात पकड़कर तू आगे ले आता है
नादानी माफ़ करके हमारी
तू एहसान जताना भी भूल जाता है
रिश्ता निभाएं तो तू निभाये
जो भी देरी,गलती हो, हमारी है
संशय विषय का अंधेरा मेरे मन मे
तू सूरज की तरह साचा और बेदाग़ है
रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं...
समुन्दर मे लेहरो की तरह
हमारा अस्तित्त्व है
हम उठते गिरते रेहते है
तू समुन्दर सा शांत गेहरा और कायम है
इतना सच्चा कैसे हो कोई
कुछ तो कमी हो कही
रौशनी तेरी शब्दों की मोहताज नही
और लीला समझ से बाहर है हमारी
रिश्ता निभाएं तो तू निभाएं
हमारी कोई औकात नही
समय समय पर तेरी याद रहे
इससे बड़ी ख़ुशनसीबी नही
रिश्ता निभाएं तो वो तू निभाएं..
हमें कोई अधिकार नही
ये श्रद्धा भी तेरीही देन है
सब का अंतिम अर्थ है तू
तेरे से सम्पूर्ण है क़ायनात सारी
----मुक्ता